सोशल मीडिया का हमारे जीवन में भारी प्रसार हुआ है. सूचना, मनोरंजन, जुड़ाव के साधन के रूप में यह एक वरदान है, लेकिन दूसरी ओर इसके अनदेखे खतरे भी हैं. खासकर इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म हमारी ज़िंदगी को अलग-अलग आयामों पर नुकसान पहुँचा सकते हैं. आइए देखें कैसे:
1. मानसिक स्वास्थ्य पर असर:
असलियत का भ्रम: इंस्टाग्राम पर अक्सर परफेक्ट लाइफ की तस्वीरें दिखाई जाती हैं. छुट्टियों की मस्ती, फिट बॉडी, शानदार घर, ये सब देखकर एक आत्महीनता का भाव आ सकता है. लगने लगता है कि हमारी ज़िंदगी कमतर है.
FOMO (Fear Of Missing Out): हर पल कुछ नया देखने, जानने की चाहत में हम लगातार स्क्रॉल करते रहते हैं. इस FOMO के चक्कर में हम असली दुनिया और रिश्तों से दूर होते जाते हैं.
डिप्रेशन और चिंता: लगातार खुद की तुलना दूसरों से करना, असफलता का डर, ऑनलाइन ट्रोलिंग - ये सब डिप्रेशन और चिंता का कारण बन सकते हैं.
2. साइबर सुरक्षा पर खतरा:
डेटा प्राइवेसी का हनन: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमारी ज़रूरी जानकारी इकट्ठा कर तीसरे पक्ष को बेचते हैं. इससे पहचान चोरी, धोखाधड़ी का खतरा बढ़ता है.
ऑनलाइन उत्पीड़न: ट्रोलिंग, साइबर बुलिंग के ज़रिए लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. इससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
फेक न्यूज़ और प्रोपेगेंडा: झूठी खबरों, भड़काऊ सामग्री का तेज़ी से फैलाव समाज में विद्वेष, हिंसा को बढ़ावा देता है.
3. वास्तविक जीवन से अलगाव:
सोशल मीडिया की लत: ज़्यादा समय स्क्रॉल करने से वास्तविक दुनिया से जुड़ाव कम होता है. रिश्ते कमजोर होते हैं, ज़रूरी काम अधूरे रह जाते हैं.
प्रतियोगिता का माहौल: लगातार दूसरों से तुलना करने से हम अपनी ख़ुशियाँ ढूंढना भूल जाते हैं. असल ज़िंदगी में प्रतियोगिता का सकारात्मक इस्तेमाल नहीं कर पाते.
शारीरिक सुख का भ्रम: इंस्टाग्राम पर दिखाई जाने वाली परफेक्ट फिगर के चक्कर में लोग अस्वस्थ जीवनशैली अपनाने लगते हैं.
AI का दुरुपयोग:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक शक्तिशाली तकनीक है, लेकिन इसका दुरुपयोग बड़े खतरे उठा सकता है. उदाहरण के लिए:
डीपफेक्स: किसी की तस्वीर या वीडियो का इस्तेमाल कर झूठी सामग्री बनाना. इससे किसी की छवि खराब की जा सकती है, राजनीतिक उथल-पुथल मचाई जा सकती है.
अल्गोरिदम का पूर्वाग्रह: AI में इस्तेमाल होने वाले डेटा में अगर किसी तरह का पूर्वाग्रह हो तो यह फैसलों में भी असमानता ला सकता है.
स्वायत्त हथियारों का खतरा: AI युक्त स्वायत्त हथियारों का गलत इस्तेमाल बड़ी तबाही ला सकता है.
केस स्टडी:
भारत में ही कई मामले सामने आए हैं जहां सोशल मीडिया के दुरुपयोग से लोगों को मानसिक और सामाजिक नुकसान हुआ है. एक केस में एक टीनएजर को ट्रोलिंग के चलते आत्महत्या करनी पड़ी. दूसरे मामले में फेक न्यूज़ के चलते एक समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़क उठी.
सावधानियां और बचाव:
समय सीमा निर्धारित करें: सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें और स्क्रीन-फ्री टाइम का पालन करें.
विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें: सोशल मीडिया पर मिलने वाली जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी स्रोत और प्रामाणिकता की जांच करें.
व्यक्तिगत जानकारी साझा करने में सावधानी बरतें: सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतें और सिर्फ ज़रूरी जानकारी ही शेयर करें.
पासवर्ड मजबूत रखें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें.
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